नई दिल्ली. दिल्ली दंगों में मुख्य साजिशकर्ता उमर खालिद की जमानत याचिका का विरोध करते हुए मंगलवार को स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर ने दलील देते हुए कहा कि दिल्ली दंगो के आरोपी उमर खालिद की गिरफ्तारी के बाद जब उसका मोबाइल फोन डाटा खंगाला गया था तो उसमें खुलासा हुआ था कि वो कई बड़े लोगों के सम्पर्क में थ।
जिनमें मशहूर हस्तियों, राजनेताओं, अभिनेताओं और सामाजित कार्यकर्ताओं के संपर्क में होने के संकेत मिले थे. वो अपने संपर्कों को समाचार पोर्टल के जरिये ऐसे लिंक भेजता था, जो दिल्ली पुलिस के खिलाफ होते थे.
दिल्ली में साल 2020 में दंगे हुए थे. जिसमें दिल्ली पुलिस ने साजिश रचने के आरोप में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद पर आरोप लगाते हुए कहा कि इसका मकसद झूठी कहानी फैलाना था. यही वजह थी कि वो ऐसे लिंक उन लोगों तक पहुंचाता था, वो उन लोगों के साथ चैट करता था, जिनके सोशल मीडिया में फॉलोअर्स ज्यादा होते थे. इतना ही नहीं ये भी दलील दी गई कि खालिद उन्हें अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिये भी शेयर करने के लिए कहता था. वो अपना नेरेटिव फैलाना चाहता था.
उनके पिता ने भी समाचार पोर्टल पर इंटरव्यू देकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को संतुष्टिपूर्ण नहीं बताते हुए ट्रायल कोर्ट जाने की बातें कहीं. यानी उसके पक्ष की बात कही. वहीं यह भी कोर्ट को बताया गया कि उसने व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए प्रदर्शन करने के लिए भी कहा था. उमर खालिद पूर्वी दिल्ली में साल 2020 में हुए सांप्रदायिक दंगों के पीछे की गई बड़ी साजिश का आरोपी है. उसके ऊपर यूएपीए एक्ट समेट कई आइपीसी की धाराएं लगाई गई हैं. दिल्ली में हुए इस दंगे में 53 लोग मारे गए थे, जबकि 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. यह दंगा सीएए और एनआरसी के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुआ था.