मजदूर दिवस पर संयुक्त ट्रेड यूनियन कौंसिल ने निकाली रैली

रुस और यूक्रेन युद्ध ने परिस्थितियों को और जटिल कर दिया है। वास्तव में यह युद्ध रूस तथा अमरीका नेतृत्ववाले नाटो के बीच हो रहा है और यूक्रेन इसका प्रेक्षा गृह बना हुआ है । रूस पर जारी गंभीर प्रतिबंधों ने विश्व में खाद्य तथा ऊर्जा की आपूर्ति के समक्ष गंभीर संकट खड़ा कर दिया है ।

तेल उत्पादक देशों ने 2 मिलियन बैरल के उत्पादन में कमी का फैसला लिया है जिससे वैश्विक स्तर पर कीमतों में वृद्धि होना तय है । अतः युद्ध को तत्काल रोकने द्विपक्षीय वार्ताओं के जरिये समाधान करने और अमरीकी नीति पर नाटो के विस्तार पर अंकुश के अलावा अन्य विकल्प नहीं है ।

पिछला वर्ष संघर्षों का वर्ष रहा है और देश के मेहतनकशों ने 28 एवं 29 मार्च को शानदार दो दिवसीय हड़ताल आयोजित कर संघर्ष की धार को और तीखा और व्यापक किया है। श्रमिक वर्ग के एक जागरूक हिस्सा होने के नाते हमें नवउदारवाद के खिलाफ बढते विरोध के स्वरों को मुखरित करना होगा और शोषण विहीन समाज स्थापना के लक्ष्य के प्रति समर्पित रहते हुये अपनी भूमिका को संयोजित करना होगा । अभी-अभी हमने पिछले वर्ष 2022 को ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के रूप में मनाया है और हमने | देखा कि आजादी की बात करने वालों को ‘टुकडे-टुकडे गैंग’ के रूप में पेश किया जाता रहा है और अमृत काल की बात करने वाले इसे जहर काल में तब्दील करने हर तरह के षडयंत्रों से देश की जनता को सांप्रदायिक आधार पर विभाजित करने हर प्रयास कर रहे हैं।

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