हेल्‍थ या एनर्जी ड्रिंक बताकर नहीं बेच सकेंगे कोई भी जूस, ई-कॉमर्स वेबसाइट पर बनानी होगी क्‍लीयर कैटेगरी

हाइलाइट्स

ई-कॉमर्स वेबसाइट पर ड्रिंक की कैटेगरी बनाई जाएगी.
अनाज या माल्‍ट के ड्रिंक को हेल्‍थ ड्रिंक में रख सकेंगे.
एफएसएसएआई ने इसके लेकर स्‍पष्‍ट निर्देश जारी किए हैं.

नई दिल्‍ली. हेल्‍थ और एनर्जी ड्रिंक के नाम पर ई-कॉमर्स वेबसाइट पर कोई भी जूस नहीं बेचा जा सकेगा. इसे सरकार ने सख्‍त दिशा-निर्देश जारी किए हैं. भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने मंगलवार को सभी ई-कॉमर्स खाद्य कारोबार परिचालकों (एफबीओ) को अपनी वेबसाइट पर बेचे जाने वाले खाद्य उत्पादों का उचित वर्गीकरण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. खाद्य नियामक का कहना है कि ठीक तरह से सेग्‍मेंट नहीं बनाने से उपभोक्‍ताओं में भ्रम पैदा होता है.

एफएसएसएआई ने अपनी जांच में पाया कि ‘प्रॉपराइटरी फूड’ के तहत लाइसेंस प्राप्त खाद्य उत्पादों को डेयरी-आधारित पेय मिश्रण या अनाज-आधारित पेय मिश्रण या माल्ट-आधारित पेय मिश्रण को निकटतम श्रेणी के तहत ई-कॉमर्स वेबसाइट पर ‘हेल्थ ड्रिंक’, ‘एनर्जी ड्रिंक’ आदि की श्रेणी में बेचा जा रहा है. इसका मतलब है कि अनाज या माल्‍ट के ड्रिंक उत्‍पाद को हेल्‍थ या एनर्जी ड्रिंक की श्रेणी में बेचा जा रहा, जबकि इसकी अलग श्रेणी बनाई जानी चाहिए.

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क्‍या दिया आदेश
खाद्य नियामक ने कहा, ‘एफएसएसएआई ने स्पष्ट किया है कि ‘हेल्थ ड्रिंक’ शब्द को एफएसएस अधिनियम 2006 या उसके तहत बनाए गए नियमों/विनियमों के तहत कहीं भी परिभाषित या मानकीकृत नहीं किया गया है. लिहाजा एफएसएसएआई ने सभी ई-कॉमर्स एफबीओ को सलाह दी है कि वे इस गलत वर्गीकरण को तुरंत हटा दें.’

क्‍या होते हैं प्रॉपराइटरी फूड
आपको बता दें कि प्रॉपराइटरी फूड ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जो खाद्य सुरक्षा और मानक (खाद्य उत्पाद मानक और खाद्य योजक) विनियमन में मानकीकृत नहीं हैं. इस सुधारात्मक कार्रवाई का उद्देश्य उत्पादों की प्रकृति और कार्यात्मक गुणों के बारे में स्पष्टता और पारदर्शिता बढ़ाना है. साथ ही यह सुनिश्चित करना है कि उपभोक्ता भ्रामक जानकारी का सामना किए बिना अच्छी तरह से सूचित विकल्प चुन सकें.

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क्‍यों पड़ी आदेश की जरूरत
खाद्य नियामक को ऐसे आदेश की जरूरत इसलिए पड़ी है, क्‍योंकि कई ई-कॉमर्स वेबसाइट को ऐसे ड्रिंक को भी हेल्‍थ और एनर्जी ड्रिंक बताकर बेचा जा रहा, जो वास्‍तव में इस श्रेणी में आते ही नहीं हैं. इस पर लगाम कसने और उपभोक्‍ताओं के सामने सही उत्‍पादन चुनने का वि‍कल्‍प देने के लिए ही एफएसएसएआई ने यह आदेश जारी किया है.

Tags: Business news in hindi, Ecommerce, Food safety Act, FSSAI

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