Chhattisgarh NCP leader jaggi murder case: शूटर चिमन सिंह और सहयोगी विनोद 15 साल बाद फिर पहुंचे जेल

हाईकोर्ट से उम्र कैद की सजा सुनाए जाने के बाद शूटर व सहयोगी ने किया सरेंडर, याहया ढेबर समेत पांच को सुप्रीम कोर्ट से मोहल्लत

Chhattisgarh NCP Leader Jaggi Murder Case : एनसीपी नेता रामावतार जग्गी हत्याकांड मामले में दो दोषियों ने सोमवार को न्यायालय के समक्ष सरेंडर कर दिया।

विशेष न्यायाधीश पंकज कुमार सिन्हा की कोर्ट में दोषी पाए गए शूटर चिमन सिंह और उसके सहयोगी विनोद सिंह पेश हुए। हाईकोर्ट के फैसलने के मुताबिक दोनों को जेल दाखिल कराया गया।

हाईकोर्ट ने पूर्व में लोअर कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए हत्याकांड में दोषी सभी आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। हत्याकांड में कुल 28 आरोपी थे जिसमें एक बुल्टू पाठक की मौत हो चुकी है।

मालूम हुआ है याहया ढेबर समेत अन्य पांच लोगों ने सरेंडर के लिए मोहल्लत मांगी है जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। हालांकि इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं है। एनसीपी नेता रामावतार जग्गी के पुत्र सतीश जग्गी सरेंडर के दौरान अपने वकीलों के साथ कोर्ट में मौजूद रहे। सतीश जग्गी ने बताया, पांच लोगों को राहत मिलने की उन्हें जानकारी नहीं है। अभी तक आर्डर की कापी नहीं मिली है।

हत्याकांड में दोषी चिमन सिंह और विनोद के सरेंडर करने पर उन्हें वापस जेल भेजा गया है। सतीश जग्गी ने बताया, गोलीकांड को अंजाम देने के पीछे चिमन सिंह की मुख्य भूमिका थी। विनोद के अलावा कुल 28 लोगों पर केस दर्ज हुआ था जिसमें निचली अदालत की ओर से उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी। इस प्रकरण में दो गवाह पेश हुए थे।

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