बिलासपुर। शत-प्रतिशत मतदान के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जनजागरण अभियान चलाया जा रहा है। मतदान दिवस सबसे पहले मतदान फिर दूसरा काम की अपील की जा रही है। इससे अलग लोकतंत्र की चमकदार तस्वीर सामने आई है।
अर्थराइटिस से पीड़ित 78 वर्षीय बुजुर्ग महिला ने डाक मतपत्र के जरिए मतदान को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। तीन महीने से बिस्तर में पड़ी महिला के मताधिकार को लेकर जागरूकता को देखते हुए हाई कोर्ट ने डाक मतपत्र के जरिए मतदान की सुविधा देने के निर्देश कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी को दिए हैं।
याचिका की सुनवाई जस्टिस राकेश मोहन पांडेय की सिंगल बेंच में हुई। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि याचिकाकर्ता भारत का नागरिक है। उसका नाम मतदाता सूची में मौजूद है। उसे अपना वोट डालने का अधिकार है। वह चलने में असमर्थ है और इस संबंध में एक चिकित्सक द्वारा उसके पक्ष में एक चिकित्सा प्रमाण पत्र जारी किया गया है। लिहाजा याचिकाकर्ता को संबंधित रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष नियम 1961 के फार्म 12 या फार्म 12 डी के अनुसार आवेदन करने की अनुमति दी जाती है। ऐसे प्राधिकारी को याचिकाकर्ता के दावे पर कानून के अनुसार विचार करने के निर्देश दिए जाते हैं और यदि यह पाया जाता है कि वह डाक मतपत्र के माध्यम से अपना वोट डालने की हकदार है तो उसके पक्ष में डाक मतपत्र जारी किया जाए। कोर्ट ने यह भी कहा है कि 1961 के नियमों और चुनाव आयोग द्वारा इस संबंध में समय-समय पर जारी अधिसूचना के अनुसार डाक मतपत्र जारी किया जाएगा। आदेश की प्रति रिटर्निंग अफसर को प्रेषित करने के निर्देश कोर्ट ने दिए हैं। याचिकाकर्ता सरला श्रीवास्तव ने अपनी याचिका में कहा है कि उसकी उम्र 78 वर्ष है।
बिलासपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में सात मई 2024 को होने वाले संसदीय चुनाव में अपना वोट डालने के लिए अपने संवैधानिक अधिकार का प्रयोग करना चाहती है। याचिकाकर्ता ने रिट याचिका में कहा है कि दोनों घुटनों में गंभीर आस्टियो अर्थराइटिस से पीड़ित है। चलने-फिरने, खड़े होने में असमर्थ हैं और पिछले तीन महीनों से ओपेस्टीटाइलेगड्रिड है। इस संबंध में एक मेडिकल प्रैक्टिशनर डा कपिल मिश्रा ने 21 अप्रैल 2024 को एक सर्टिफिकेट जारी किया है। याचिका के अनुसार 15 अप्रैल 2024 को रिटर्निंग अफसर बिलासपुर के समक्ष चुनाव संचालन नियम, 1961 के फार्म 12 डी के अनुसार आवेदन पेश किया है। आवेदन प्राधिकरण के समक्ष विचाराधीन है। याचिकाकर्ता न कहा है कि उसे भारत के
संविधान के अनुच्छेद 326 के प्रविधानों के अनुसार वोट देने का संवैधानिक अधिकार है। उसकी उम्र 78 वर्ष है और बीमारी से ग्रसित है। डाक मतपत्र द्वारा वोट डालने के लिए मतदाताओं की एक विशेष श्रेणी में आ जाएगी।
राज्य शासन की ओर से पैरवी करते हुए विधि अधिकारी ने बताया कि याचिकाकर्ता ने नियम 1961 के फार्म 12 या फार्म 12 डी के अनुसार कोई आवेदन नहीं दिया है। डाक मतपत्र जारी करने के लिए एक साधारण आवेदन दायर किया गया था। उपयुक्त आवेदन रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया था, इसलिए ऐसे प्राधिकारी द्वारा अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
क्या है नियम
नियमावली 1961 का नियम 19 विशेष मतदाताओं द्वारा सूचना देने से संबंधित है। एक विशेष मतदाता जो चुनाव में डाक द्वारा मतदान करना चाहता है, उसे रिटर्निंग अधिकारी को फार्म 12 के अनुसार एक सूचना भेजनी होगी ताकि मतदान की तारीख से कम से कम 10 दिन पहले उस तक पहुंच सके और सूचना प्राप्त होने पर, रिटर्निंग अधिकारी उसे एक डाक मतपत्र जारी करेगा।