ग़मगीन माहौल में नम आंखो से बेटी ने किया पिता का अंतिम संस्कार, पंचतत्व में विलीन हुए पत्रकार मनीष रैकवार

ग़मगीन माहौल में नम आंखो से बेटी ने किया पत्रकार पिता का अंतिम संस्कार, चार साल से पत्रकार पिता बीमार थे । 50 वर्ष की आयु में रविवार को आकस्मिक निधन हो गया । छोटी बेटी मानसी ने किया दाह संस्कार, और  पिता को मुखाअग्नि दी। बड़ी संख्या में लोग पहुँचे थे अंतिम यात्रा में ।

पत्रकार मनीष रैकवार अपनी पत्रकारिता की शुरूआत ओम दर्पण अख़बार से की थी ,उसके उपरान्त पेज 16 अखबार में अपनी सेवा दी, एक अलग हटकर अपनी पहचान बनाई, इनके पत्रकारिता की लगन देखते हुए दैनिक भास्कर ने मनेन्द्रगढ़ का ब्योरो बनाया था, इनकी पत्रकारिता की ललक रही कि  नव भारत मे अपनी सेवा देनी है, उस मुकाम तक पहुचे और नवभारत में ब्यौरा का कार्य संभालते हुए अनेक कार्य समाज को जगाने व जो समाज का उत्थान में अपनी योगदान दिया। मनेन्द्रगढ़ पत्रकार संघ के अध्यक्ष के रूप में भी इन्होंने कार्य किया पत्रकारों के लिए कई अच्छे कार्य किए हैं जो की स्मरणीय रहेगा, वही कारोना काल में यह कारोना के चपेट में आ गए थे जिसका इलाज बिलासपुर से करवाया था उसके उपरांत इन्हें लकवा की शिकायत हुई लगातार 3 वर्षों से बीमारी से लड़ते हुए आज इनका देहांत हो गया। जो पत्रकारिता जगत के लिए एक बड़ी  छति के रूप में देखा जा रहा है ।

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