हैदराबाद: तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने सोमवार को हैदराबाद में इंडिया ब्लॉक के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पूर्व जस्टिस सुदर्शन रेड्डी के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की. इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर सुदर्शन रेड्डी उपराष्ट्रपति चुने जाते हैं, तो दिल्ली में हमारी प्रतिष्ठा बढ़ेगी.
रेवंत रेड्डी ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर तेलुगु लोगों का अस्तित्व खतरे में है और सुदर्शन रेड्डी को पार्टी और राजनीति से ऊपर उठकर उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया गया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि पूर्व जज ने इंडिया ब्लॉक के विचार का सम्मान करते हुए चुनाव लड़ने का फैसला किया और एनडीए गठबंधन के लिए कड़ी चुनौती पेश की है.
लोकतंत्र को बचाने का प्रयास कर रहा इंडिया ब्लॉक
मुख्यमंत्री ने कहा कि एनडीए गठबंधन संविधान बदलने और आरक्षण खत्म करने की कोशिश कर रहा है, जबकि इंडिया ब्लॉक संविधान की रक्षा और गरीबों के लिए आरक्षण बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा कि इंडिया ब्लॉक लोकतंत्र को बचाने के लिए प्रयास कर रहा है.
‘संविधान बदलने के लिए NDA ने उतारा उम्मीदवार’
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि हाल ही में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे ने सभी को चौंका दिया है और लोग उपराष्ट्रपति पर इस्तीफे के लिए दबाव बनाने के लिए केंद्र सरकार के रुख को देख रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि इस समय उपराष्ट्रपति चुनाव बेहद महत्वपूर्ण हो गया है और एनडीए उम्मीदवार को संविधान बदलने और आरक्षण खत्म करने के एजेंडे के साथ मैदान में उतारा गया है.
रेवंत रेड्डी ने कहा कि एक तेलुगु संविधान विशेषज्ञ के लिए यह एक अवसर है और उनकी उम्मीदवारी को तेलुगु लोगों के सम्मान और प्रतिष्ठा को बढ़ाने के लिए नामित किया गया है, उन्हें एकजुट होकर और राजनीति से ऊपर उठकर सुदर्शन रेड्डी के साथ खड़ा होना चाहिए.
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के नेताओं से अपील
उन्होंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, आंध्र प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री पवन कल्याण, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी, तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री केसीआर और असदुद्दीन ओवैसी से अपील की है कि वे अपने विवेक के अनुसार मतदान करें.
सीएम रेड्डी ने कहा, “राष्ट्रीय स्तर पर तेलुगु लोगों का अस्तित्व खतरे में है. हमने दल और राजनीति की परवाह किए बिना सुदर्शन रेड्डी को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया है.मैं सदस्यों से आग्रह करता हूं कि वे अपनी अंतरात्मा की आवाज पर मतदान करें. अगर सुदर्शन रेड्डी उपराष्ट्रपति चुने जाते हैं, तो दिल्ली स्तर पर हमारी प्रतिष्ठा बढ़ेगी.”
सुदर्शन रेड्डी ने चिंता जताई
वहीं, इस दौरान सुदर्शन रेड्डी ने चिंता व्यक्त की कि अगर संवैधानिक सिद्धांतों का सम्मान नहीं किया गया तो देश में चुनाव प्रक्रिया खतरे में पड़ सकती है. उपराष्ट्रपति पद की अपनी उम्मीदवारी के अवसर पर बोलते हुए उन्होंने लोकतंत्र, संविधान और राजनीतिक तटस्थता पर अपना रुख स्पष्ट किया.
उन्होंने कहा, “राजनीतिक दल आकर वोट तो नहीं देंगे, है ना? प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सभी की ओर से वोट नहीं देंगे. सांसदों को वोट देना चाहिए. रेवंत रेड्डी और महेश कुमार को व्हिप दिखाने की अनुमति नहीं है. सांसद वोट देने से पहले सोचेंगे. यह व्यवस्था बिना किसी दलीय संबद्धता के काम करने के लिए बनाई गई है.”
सुदर्शन रेड्डी ने कहा, “मैंने कभी संख्याबल पर विचार नहीं किया. सवाल यह है कि कौन सक्षम है, किसे वोट देना बेहतर है? मैंने देश से एक पारदर्शी चुनाव का वादा किया था, जो इतिहास में दर्ज रहेगा.”
ब्युरो रिपोर्ट






