सल्फास खाद बनी गैस, 2 बच्चों की मौत से परिवार में कोहराम ।

म.प्र. / ग्वालियर – ग्वालियर में गेहूं के कीड़े मारने के लिए रखी गई सल्फास दवा मौत का कारण बन गई. जहरीली गैस ने पूरे परिवार को अपनी चपेट में ले लिया. दो बच्चों की मौत हो गई, जबकि माता-पिता अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं. पीड़ित परिवार के मुखिया सत्येंद्र शर्मा रात में अपने परिवार के साथ खाना खाकर सोए थे. रात को उन्हें कमरे में बदबू महसूस हुई, लेकिन गर्मी लगने पर उन्होंने कूलर चला लिया. जांच में पता चला है कि मकान मालिक ने घर के एक कमरे में करीब 25 क्विंटल गेहूं स्टोर कर रखा था. गेहूं को कीड़ों से बचाने के लिए बोरियों में सल्फास कीटनाशक दवा रखी गई थी. माना जा रहा है कि दवा नमी या पानी के संपर्क में आकर फॉस्फीन गैस (Phosphine Gas) बनाने लगी. कूलर की हवा से यह विषैली गैस पूरे कमरे में भर गई, जिससे आधी रात के बाद पूरे परिवार को सांस लेने में तकलीफ और उल्टियां होने लगीं.

अस्पताल ले जाने पर पहले 4 साल के बेटे वैभव और अगले दिन 15 साल की बेटी क्षमा शर्मा की मौत हो गई. माता-पिता अभी भी अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं. क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट डॉ. मनीष गुप्ता ने सल्फास (एल्युमिनियम फॉस्फाइड) के खतरे के बारे में बताया, फॉस्फीन गैस रंगहीन होती है, लेकिन इसकी सड़े हुए मछली या लहसुन जैसी गंध होती है. यह गैस श्वसन तंत्र, हृदय और मस्तिष्क पर घातक प्रभाव डालती है और मल्टी ऑर्गन फेल्योर का कारण बनती है. सल्फास का कोई एंटीडोट नहीं है. इसका इलाज केवल अस्पताल में सपोर्टिव सिस्टम पर ही संभव है और थोड़ी सी मात्रा भी जानलेवा हो सकती है.

इस दर्दनाक हादसे के बाद इलाके में मातम पसरा है. नाराज परिजनों ने अस्पताल के बाहर और सड़क पर जाम लगाकर मकान मालिक पर हत्या की FIR दर्ज करने और आर्थिक सहायता की मांग की है.एडिशनल एसपी सुमन गुर्जर ने बताया कि एफएसएल टीम ने मौके से सैंपल जब्त किए हैं. जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

ब्युरो रिपोर्ट

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