नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को राहत देते हुए मंगलवार को जमानत दे दी. इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने कहा था कि अगर सिंह को मामले में जमानत दी जाती है तो उसे कोई आपत्ति नहीं है. राज्यसभा सदस्य सदस्य को जमानत मिलने से आम आदमी पार्टी को लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान थोड़ी राहत मिली है जिसके राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तथा पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत शीर्ष नेता मामले के सिलसिले में जेल में हैं. लोकसभा चुनाव के लिए मतदान 19 अप्रैल से एक जून के बीच सात चरणों में होगा तथा दिल्ली में मतदान 25 को होगा. मतगणना चार जून को होगी.
सवाल- संजय सिंह को जमानत क्यों मिली?
जवाब- क्योंकि ईडी ने कहा कि उसे जमानत देने पर ऐतराज नहीं है.
सवाल- ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में ऐसा क्यों कहा?
जवाब- क्योंकि कोर्ट ने पूछा था कि संजय सिंह 6 महीने से जेल में बंद है और भी जेल में क्यों रखना चाहिए?
सवाल- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर आप जमानत का विरोध करेगें तो हमें PMLA एक्ट के तहत उनके जमानत पर विचार करना होगा.
जवाब- PMLA कानून के सेक्शन 45 में जमानत देने का मतलब होता कि कोर्ट कहता कि संजय सिंह के खिलाफ प्रथम दृष्टया आरोप साबित नहीं होता है. इसके बाद शराब नीति केस कमजोर पड़ जाता. इसलिए ED ने जमानत का विरोध नहीं करना बेहतर समझा और जमानत मिल गई.
संजय सिंह के जमानत का सुप्रीम कोर्ट का लिखित आदेश की कॉपी में भी कहा है कि जमानत दी जा रही है क्योंकि जांच एजेंसी ईडी ने संजय की जमानत का विरोध नहीं किया. सुप्रीम कोर्ट ने संजय सिंह को कहा है कि इस केस में उनकी भूमिका का जिक्र बाहर नही करेंगे, जिससे चल रही जांच प्रभावित हो.
वहीं आम आदमी पार्टी के नेता और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के मनी लॉन्ड्रिंग के केस की बात करें तो सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि मनी ट्रेल साबित होता है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर ट्रायल जल्द पूरा नहीं होता है तो वह जमानत याचिका दोबारा दाखिल कर सकते हैं. हालांकि सुप्रीम कोर्ट से क्यूरेटिव पीटिशन खारिज होने के बाद निचली अदालत में जमानत याचिका दाखिल की है. इस जमानत याचिका पर मनीष सिसोदिया ने दलील दी कि मैं अब प्रभावशाली नहीं हूं, अब में डिप्टी सीएम नहीं हूं. राउज ऐवन्यू कोर्ट में अब मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर 6 अप्रैल को अगली सुनवाई करेगी.
संजय सिंह को जमानत देते हुए कोर्ट ने क्या कहा?
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति पी बी वराले की पीठ ने छह महीने से जेल में बंद संजय सिंह को रिहा करने का आदेश दिया. पीठ ने कहा कि उनके पास से कोई पैसा नहीं मिला. पीठ ने कहा कि आप नेता अपनी राजनीतिक गतिविधियां जारी रख सकते हैं लेकिन इस मामले के संबंध में कोई बयान नहीं दे सकते. पीठ ने कहा कि सिंह पूरे मुकदमे के दौरान जमानत पर बाहर रहेंगे और उनकी जमानत की शर्तें विशेष अदालत तय करेगी. भोजनावकाश के बाद के सत्र में, ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि उन्होंने जांच एजेंसी से निर्देश ले लिए हैं और अगर सिंह को जमानत दी जाती है तो उसे कोई आपत्ति नहीं है. उन्होंने कहा कि मैं मामले के गुण-दोषों में गए बिना बयान दे रहा हूं.
पीठ ने बयान पर संज्ञान लेते हुए आदेश दिया कि एएसजी एसवी राजू को सुबह के सत्र में निर्देश लेने के लिए कहा गया था. उन्होंने कहा है कि अगर संजय सिंह को प्राथमिकी से जुड़ी कार्यवाही में जमानत पर रिहा किया जाता है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. दिए गए बयान के मद्देनजर, हम वर्तमान अपील की अनुमति देते हैं और निर्देश देते हैं कि संजय सिंह को नियम और शर्तों पर मुकदमे के लंबित रहने के दौरान जमानत पर रिहा किया जाए. पीठ ने कहा कि सिंह को दी गई जमानत को ‘मिसाल’ के तौर पर नहीं लिया जाएगा.
पीठ ने इससे पहले सुबह के सत्र में राजू से इस बारे में निर्देश प्राप्त करने को कहा था कि क्या ईडी को सिंह की और हिरासत की जरूरत है. शीर्ष अदालत सिंह की जमानत याचिका पर और धनशोधन मामले में गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देने वाली अपील पर सुनवाई कर रही थी. पीठ ने राजू से कहा कि उनके पास से कोई राशि नहीं मिली है और दो करोड़ रुपये रिश्वत लेने के आरोपों की जांच सुनवाई के दौरान हो सकती है. राजू ने कहा कि वह भोजनावकाश के बाद के सत्र में सिंह की गिरफ्तारी और रिमांड के खिलाफ उनकी दलीलों पर जवाब देंगे.
सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने सुनवाई के दौरान कहा कि सरकारी गवाह बन गए दिनेश अरोड़ा की गवाही के आधार पर आप नेता को गिरफ्तार किया गया था. सिंह को ईडी ने पिछले साल चार अक्टूबर को गिरफ्तार किया था. उन्होंने उच्च न्यायालय में इस आधार पर जमानत मांगी थी कि वह तीन महीने से अधिक समय से हिरासत में हैं और कथित अपराध में उनकी भूमिका साबित नहीं हुई है. जांच एजेंसी ने उच्च न्यायालय में जमानत याचिका का विरोध किया था और दावा किया था कि सिंह 2021-22 की आबकारी नीति अवधि से संबंधित दिल्ली शराब घोटाले से अर्जित अपराध की आय को प्राप्त करने, रखने, छिपाने, फैलाने और उपयोग करने में शामिल थे. ईडी का धनशोधन का मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी से संबंधित है. सीबीआई और ईडी के अनुसार, दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 (अब रद्द की जा चुकी) को बदलते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया.
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Tags: Delhi liquor scam, Manish sisodia, Sanjay singh
FIRST PUBLISHED : April 2, 2024, 21:50 IST