जाम धाम पर 100 से ज्यादा याचिकाओं पर सख्त हुआ हाईकोर्ट कार्कफेल अफसरों को दिए ये निर्देश।

Chhattisgarh News: बलौदा बाजार समेत पूरे प्रदेश में मौसम का मिजाज बदला हुआ है. इस दौरान तेज अंधड़ के साथ बारिश हो रही है. यह बारिश धान खरीदी केंद्रों में रखे धान के लिए मुसीबत बनकर बरसी है.

धान खरीदी केंद्रों (Paddy purchasing centers) में जाम धान के खराब होने से परेशान प्रबंधकों ने हाईकोर्ट (Chhattisgarh Highcourt) का दरवाजा खटखटाया है. वहीं हाईकोर्ट ने मामले में प्रबंधकों का तर्क सुनने और धान खरीदी नीति 2024 को देखने के बाद 30 दिन के भीतर पूरे राज्य के धान को उठाने का आदेश मार्कफेड के अधिकारियों को दिया है.

केन्द्रों में सुविधाएं नहीं 

बता दें कि छत्तीसगढ़ में किसानों से खरीदे गए धान को रखने के लिए न तो सभी धान खरीदी केंद्रों में सीमेंट के चबूतरे बन पाए हैं और न ही मौसम खराब होने पर बचाव के लिए शेड का निर्माण हो पाया है. यहां तक कि भंडारण के लिए गोदाम भी नहीं हैं. इतना ही नहीं लागत कम करने के लिए पिछले दो सालों से सरकार ने धान खरीदी के बाद सीधे केंद्रों से ही राइस मिल संचालकों के लिए डीओ काटने की व्यवस्था कर दिया. इससे बचा हुआ धान अब धान खरीदी केंद्रों में ही रखना होता है, संग्रहण केंद्रों की व्यवस्था भी खत्म कर दी गई है. इससे खरीदी केंद्रों में धान का उचित प्रबंधन नहीं होने और धान को ढंकने के लिए तिरपाल और प्लास्टिक की व्यवस्था नहीं होने से धान धूप, बारिश के दौरान खुले में पड़ा हुआ है. इतना ही नहीं तेज हवा में तिरपाल और तेज धूप से प्लास्टिक के बारदाने खराब हो कर धान को सड़ा रहे हैं. वहीं खुले में पड़े धान को चूहे, दीमक और कीड़े मकोड़े अलग चट कर रहे हैं.

हाईकोर्ट में 100 से अधिक याचिकाएं हुई दायर

बलौदा बाजार भवानीपुर, रोहांसी, छेरकापुर, वटगन सहित प्रदेश भर के विभिन्न धान खरीदी केंद्रों के प्रबंधकों ने 100 से अधिक याचिकाएं हाईकोर्ट में दायर की हैं. इनमें से 25 याचिकाओं में याचिकाकर्ताओं की ओर से बताया गया है कि धान खरीदी नीति में स्पष्ट है कि 28 फरवरी 2024 तक धान खरीदी केंद्रों से पूरा धान जिला विपणन अधिकारी और मार्कफेड उठा लेंगे. यह भी बताया गया कि इसी नीति में स्पष्ट है कि बफर लिमिट से अधिक धान खरीदी होने के 24 घंटे के भीतर अधिकतम 72 घंटे तक में धान को नुकसान होने से बचाने के लिए उठाव किया जाएगा. बावजूद इसके मार्कफेड और जिला विपणन अधिकारी धान का उठाव नहीं करा पाए.

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