सीतारमण 1 फरवरी को पेश करेंगी आम बजट, मध्यमवर्गीय को राहत की उम्मीद, 10 लाख की कमाई पर जीरो टैक्स, जानिए क्या-क्या हो सकते हैं बड़े ऐलान

 

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में 1 फरवरी को आम बजट पेश करेंगी। इस बजट से मध्यवर्गीय-कारोबरियों समेत हर वर्ग को उम्मीद है कि बजट में उनके लिए कुछ अच्छा होगा। जानकारों के अनुसार इनकम टैक्स में कटौती के साथ-साथ टैक्स स्लैब को और लचीला बनाना व स्टैंडर्ड डिडक्शन में बढ़ोतरी की मांग की जा रही है। सीतारमण बेसिक छूट सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करके न्यू टैक्स रिजीम में बड़े बदलाव की घोषणा कर सकती हैं। इसके अलावा 15 लाख रुपये से 20 रुपये के बीच की आय के लिए 25 प्रतिशत का नया कर स्लैब पेश कर सकती हैं।

दरअसल, 15 लाख रुपये से ज्यादा आय वालों को 30 फीसदी के स्लैब रेट से टैक्स देना पड़ता है। अगर बजट 2025 में एक नया स्लैब पेश किया जाता है, तो 30 प्रतिशत की कर दर 20 लाख रुपये से अधिक की आय पर लागू होगी। इसके अलावा रियल एस्टेट सेक्टर की पुरानी मांग है कि इसे उद्योग का दर्जा दिया जाए, ताकि कम ब्याज पर फाइनेंस मिल सके और इसका फायदा सीधा ग्राहकों तक पहुंचे। साथ ही, प्रोजेक्ट समय पर पूरे हों और लागत कम रहे, इसके लिए सिंगल-विंडो क्लियरेंस जरूरी है।वहीं, सेक्शन 80सी में सिर्फ होम लोन के मूलधन की छूट दी जाए या इसकी सीमा 5 लाख रुपये तक बढ़ाई जाए।

रियल एस्टेट देश की आर्थिक तरक्की का आईना है। इससे उम्मीद है कि सरकार विकास की रफ्तार तेज करने के लिए जरूरी कदम उठाएगी. हमारी सबसे बड़ी मांगों में से एक है स्टांप ड्यूटी को कम करना, क्योंकि इसकी बढ़ती दरें खरीदारों पर बड़ा वित्तीय बोझ डाल रही हैं। साथ ही, सेक्शन 80 (सी) के तहत टैक्स छूट की सीमा को 1.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख करना घर खरीदने की प्रक्रिया को और सरल बना सकता है। सस्ते घरों की परियोजनाओं में गिरावट भी एक बड़ी चिंता है और हमें भरोसा है कि सरकार इस समस्या को हल करने के लिए कदम उठाएगी। इसका समाधान यह हो सकता है कि सस्ते घरों की परिभाषा को नए सिरे से तय किया जाए। साथ ही, सस्ते घर बनाने के लिए डेवलपर्स को आयकर छूट और 100% टैक्स हॉलिडे जैसे फायदे दिए जाएं. इससे ‘सबके लिए घर का लक्ष्य पूरा हो सकेगा।

जानकार कहते हैं कि अगर हाउसिंग लोन पर टैक्स छूट की सीमा बढ़ाकर ₹5 लाख कर दी जाए, तो यह घर खरीदने वालों के लिए बड़ी राहत होगी। इससे लाखों लोगों को अपना घर खरीदने का सपना पूरा करने में मदद मिलेगी। उन्होंने आगे कहा कि रियल एस्टेट को इंडस्ट्री का दर्जा मिलने से 200 से ज्यादा जुड़े क्षेत्रों को मजबूती मिलेगी। यह कदम रोजगार के नए अवसर और स्किल डेवलपमेंट को बढ़ावा देगा। इसके अलावा, ₹1 करोड़ तक के हाउसिंग लोन पर ₹5 लाख की सब्सिडी से शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के लोगों को भी राहत मिलेगी।

स्टील सेक्टर को भी बेहतर ग्रोथ के लिए बजट से बड़ी उम्मीदें हैं। इंडियन स्टेनलेस स्टील डेवलपमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजमणि कृष्णमूर्ति ने कहा कि स्टील सेक्टर देश के कार्बन कटौती लक्ष्यों के अनुरूप और टिकाऊ विनिर्माण में इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए ग्रीन स्टील टेक्नोलॉजी को अपनाने के लिए टैक्स बेनेफिट और सब्सिडी की उम्मीद करता है। आम बजट से पहले देशवासी सरकार से कई राहत की उम्मीद कर रहे हैं। इस बीच लोकसभा सांसद श्रीकांत शिंदे ने कहा कि केंद्र को आगामी केंद्रीय बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर, रोजगार सृजन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों के लिए पर्याप्त वित्तीय सहायता प्रदान करनी चाहिए।

क्रिप्टोकरेंसी और एनएफटी को वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के तौर पर रखा गया है, इसे कर कटौती के लिए आयकर अधिनियम में धारा 2(47ए) जोड़ा गया है। वर्तमान में, भारत में क्रिप्टोकरेंसी और एनएफटी अनियमित बने हुए हैं, और इनसे होने वाले पूंजीगत लाभ पर 30% का हाई टैक्स और सोर्स पर अतिरिक्त 1% कर कटौती (TDS) लगता है। केंद्र सरकार ने पिछले कुछ बजटों में कुछ कटौतियों को शामिल करके न्यू टैक्स रिजीम में संशोधन कर रही है। अब बजट 2025 में, टैक्स एक्सपर्ट्स HRA को शामिल करने, धारा 80सी कर कटौती में वृद्धि और 1 लाख रुपए की मानक कटौती की वकालत कर रहे हैं।

 

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