जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के जगदलपुर जिले में मेडिकल कॉलेज जगदलपुर (मेकॉज) में बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां बीजापुर से इलाज के लिए आए एक मरीज ओम प्रकाश दस दिन से लापता था और अंत में उसकी लाश लिफ्ट लॉबी में मिली। वह भी तब जब लिफ्ट से बदबू आने लगी।
ऐसे में मेकॉज प्रबंधन ने चूहे पकडऩे वाली टीम को यहां देखने के लिए कहा। जब लॉबी का गेट खोला गया तो ओम प्रकाश की लाश पड़ी थी। इसे मेकॉज की लापरवाही ही कहेंगे कि मरीज के गायब होने के बाद भी उसे खोजने के लिए न तो सीसीटीवी खंगाला गया और न ही उसे खराब लिफ्ट लॉबी तक जाने के लिए किसी स्टाफ ने रोका। एक मरीज अस्पताल में इलाज के लिए आया, लेकिन लापरवाही के कारण उसे अपनी जान गंवानी पड़ी।
छह पॉइंट में समझें पूरी कहानी
- कहां से: बीजापुर के मद्देड़ गांव से आया था मरीज। पेशे से कुम्हार था।
- क्यों आया: मानसिक रूप से था परेशान, मिर्गी का दौरा भी।
- कैसे पहुंचा: पहले बीजापुर में किया, इलाज फिर 18 को जगदलपुर रेफर।
- क्या हुआ: 19 को शुरू हुआ इलाज, 20 को लापता हुआ मरीज
- परिजनों से थाने में रिपोर्ट लिखाई, लेकिन उसका पता नहीं लगा।
- आठ दिन बाद लिफ्ट के नीचले हिस्से में मिला शव।
लिफ्ट लॉबी में कैसे पहुंचा मरीज?
चर्चा है कि मरीज का इलाज तीसरी मंजिल पर चल रहा था। लिफ्ट खराब थी, लेकिन किसी तरह मरीज ने खराब लिफ्ट लॉबी का दरवाजा खोलकर अंदर जाने की कोशिश की होगी। इस दौरान वह नीचे गिर गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। यह लॉबी लंबे समय से बंद थी और इस ओर कोई आता-जाता नहीं था, जिससे शव आठ दिन तक वहीं पड़ा रहा।
अंतत: जब बदबू फैलने लगी, तो चूहे पकडऩे वाली टीम को इसकी सूचना मिली। उन्होंने जब लिफ्ट लॉबी का दरवाजा खोला, तो वहां मरीज का शव पड़ा मिला। मौके पर पहुंची फॉरेंसिक टीम ने शव की जांच शुरू कर दी है।
जगदलपुर के सीएसपी आकाश श्रीमाल ने कहा की सभी संभावित एंगल से मामले की जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि मरीज की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी, उसे मिर्गी की भी शिकायत थी। पुलिस मामले की गहन पड़ताल कर रही है।