विश्व जल दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों से जल संरक्षण अभियान को एक जनआंदोलन बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि “जल ही जीवन है”, और इसका सतत प्रवाह ही हमारे अस्तित्व का आधार है। आज, जब दुनिया जल संकट की ओर बढ़ रही है, तब हर व्यक्ति की जिम्मेदारी बनती है कि वह जल का सदुपयोग करे और इसे व्यर्थ न बहने दे।
छत्तीसगढ़ सरकार की जल संरक्षण पहल
मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने जल संरक्षण को अपनी प्राथमिकता में रखा है। राज्य में जनभागीदारी के माध्यम से जल संचय को बढ़ावा दिया जा रहा है। साथ ही, जल प्रदूषण नियंत्रण और जल संसाधनों के पुनर्जीवन के लिए भी योजनाबद्ध प्रयास किए जा रहे हैं।
धमतरी जिले में आयोजित ‘जल-जगार महोत्सव’ इसका एक बेहतरीन उदाहरण है, जहां स्थानीय समुदाय की सक्रिय भागीदारी से जल संरक्षण को लेकर जागरूकता बढ़ी है।
जल बचाने के लिए मुख्यमंत्री का संदेश
मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेशवासियों से आग्रह किया कि हम सभी यह संकल्प लें:
जल की हर बूंद बचाएं और इसे बर्बाद होने से रोकें।
समाज में जल संरक्षण की जागरूकता फैलाएं।
आने वाली पीढ़ियों के लिए जल-समृद्ध भविष्य का निर्माण करें।
उन्होंने कहा कि बढ़ती जनसंख्या, अनियंत्रित दोहन और जल प्रदूषण के कारण स्वच्छ जल की उपलब्धता भविष्य की सबसे बड़ी चुनौती बन सकती है। इसे केवल सामूहिक प्रयासों से ही टाला जा सकता है।
अब वक्त आ गया है कि हम सभी जल संरक्षण को अपनी जिम्मेदारी समझें और इसे बचाने की दिशा में ठोस कदम उठाएं।