Surajkund Mela 2025: कब शुरू हो रहा है सूरजकुंड मेला? टाइम और टिकट से लेकर जानें सबकुछ

Surajkund Mela 2025: भारत की सांस्कृतिक धरोहर और शिल्पकारों की अनूठी कला को दर्शाने वाला सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला 2025 में एक बार फिर अपने भव्य आयोजन के लिए तैयार है. यह मेला 7 फरवरी से 23 फरवरी 2025 तक चलेगा. हर साल की तरह इस बार भी यह आयोजन विदेशी पर्यटकों और शिल्प प्रेमियों के आकर्षण का केंद्र बनेगा.

सूरजकुंड मेले की थीम और खासियत 

आपको बता दें कि साल 1987 में शुरू हुए इस मेले को दुनिया का सबसे बड़ा शिल्प मेला माना जाता है. इस बार मेले की थीम ओडिशा और मध्य प्रदेश को समर्पित है. इसके अलावा, बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड सहित कई देशों की भागीदारी इस आयोजन को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाती है. बताते चले कि उत्तर-पूर्वी भारत के हस्तशिल्प और हैंडलूम को बढ़ावा देने के लिए इस बार नॉर्थ ईस्ट हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट एसोसिएशन को कल्चरल पार्टनर बनाया गया है. मेले में दुनियाभर के शिल्पकार अपनी कला और उत्पादों का प्रदर्शन करेंगे, जिससे यह एक शिल्प महाकुंभ बन जाएगा.

सूरजकुंड मेला 2025 की तारीखें और समय

  • आयोजन की अवधि: 7 फरवरी से 23 फरवरी 2025
  • समय: सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक
  • पर्यटकों की अनुमानित संख्या: 10 लाख+ (जिसमें विदेशी पर्यटक भी शामिल होंगे)

टिकट की कीमत और बुकिंग प्रक्रिया

वहीं बताते चले कि सूरजकुंड मेले की टिकटें ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से उपलब्ध होंगी. टिकट बुकिंग के लिए www.surajkundmela.co.in वेबसाइट पर जाकर खरीदी जा सकती हैं. इसके अलावा, आयोजन स्थल और दिल्ली मेट्रो स्टेशनों पर भी टिकट की सुविधा मिलेगी.

  • वीकडेज (सोमवार से शुक्रवार): ₹120 प्रति व्यक्ति
  • वीकेंड (शनिवार और रविवार): ₹180 प्रति व्यक्ति
  • छात्रों (स्कूल/कॉलेज) के लिए: 50% छूट (सप्ताह के दिनों में)
  • वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों और सैनिकों के लिए: 50% छूट

कैसे पहुंचे सूरजकुंड मेला 2025?

सूरजकुंड मेला फरीदाबाद के सूरजकुंड गांव में आयोजित किया जाता है, जो दिल्ली से बेहद करीब है.

सड़क मार्ग:-

  • दिल्ली से मात्र 8 किमी
  • नई दिल्ली शहर के केंद्र से 20 किमी

निकटतम रेलवे स्टेशन:

  • नई दिल्ली रेलवे स्टेशन – 22 किमी

निकटतम हवाई अड्डा:

  • इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा – 25 किमी

मेट्रो कनेक्टिविटी:

  • बदरपुर बॉर्डर मेट्रो स्टेशन से फीडर बस सेवा उपलब्ध होगी.

सूरजकुंड मेले में क्या है खास?

  • भारत के विभिन्न राज्यों की हस्तशिल्प और कलाकृतियां
  • लोक नृत्य और सांस्कृतिक कार्यक्रम
  • पारंपरिक भारतीय और अंतरराष्ट्रीय व्यंजन
  • बच्चों और परिवारों के लिए मनोरंजन कार्यक्रम

हालांकि, सूरजकुंड मेला 2025 भारतीय संस्कृति और शिल्प की समृद्ध धरोहर को देखने और समझने का एक अनूठा अवसर है. यदि आप भी भारत की विविधता और हस्तशिल्प कला को करीब से देखना चाहते हैं, तो इस मेले का हिस्सा जरूर बनें.

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