Lok Sabha: ‘जनता ने अगर नारेबाजी के लिए भेजा है तो यही करिए या सदन चलाइए’, विपक्ष के हंगामे पर बिरला की दो टूक

दिल्ली। बजट सत्र के तीसरे दिन सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। वे महाकुंभ में मची भगदड़ की घटना पर सरकार से जवाब की मांग कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने जमकर नारेबाजी भी की। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में नारेबाजी करने वाले विपक्षी दलों के सांसदों से कहा कि यदि जनता ने उन्हें नारे लगाने के लिए भेजा है जो यही काम करें या फिर कार्यवाही चलने दें।

दरअसल, बजट सत्र के तीसरे दिन सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही विपक्षी सदस्य महाकुंभ में मची भगदड़ की घटना पर सरकार से जवाब की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे। लोकसभा अध्यक्ष ने नारेबाजी कर रहे सदस्यों से कहा, ‘इस विषय का उल्लेख राष्ट्रपति महोदया ने अपने अभिभाषण में किया था। आप लोग अभिभाषण पर चर्चा के दौरान यह विषय रख सकते हैं।’

‘प्रश्नकाल महत्वपूर्ण समय होता है’
उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल महत्वपूर्ण समय होता है, जिसमें सरकार की जवाबदेही तय की जा सकती है। बिरला ने विपक्षी सदस्यों से सदन चलने देने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘अगर आपको देश की जनता ने नारेबाजी के लिए भेजा है तो यही काम करिए। यदि सदन चलाना चाहते हैं तो अपनी सीट पर जाकर बैठिए।’

मृतकों का सही आंकड़ा नहीं बताने का आरोप
विपक्षी दलों के सदस्यों ने ‘प्रधानमंत्री जवाब दो’ और ‘शेम शेम’ के नारे लगाए। बता दें कि मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई थी। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का आरोप है कि सरकार ने इस घटना में मृतकों का सही आंकड़ा नहीं बताया।

दोनों सदनों में हंगामा
इससे पहले संसद के निचले और ऊपरी दोनों सदन में ही जमकर हंगामा हुआ। इस वजह से बजट सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही बाधित हुई। विपक्षी सांसद महाकुंभ भगदड़ की घटना समेत कई मुद्दों पर सरकार के खिलाफ लगातार नारेबाजी कर रहे थे। राज्यसभा में दूसरे दिन की कार्यवाही भी शुरू हुई तो विपक्षी दलों के सभी सांसद राज्यसभा से बाहर चले गए। बजट सत्र का पहला भाग 13 फरवरी तक जारी रहेगा और दोनों सदन 4 अप्रैल को सत्र के समापन के साथ अवकाश के बाद 10 मार्च को फिर से मिलेंगे।

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